आतंकवाद क्या है? यह मासूम और सीधा प्रश्न अचानक आधुनिक मानव सभ्यता के निर्माण और बाद में उसके बुनियादी सिद्धांतों के टूटने के विषय को मुखर...
आतंकवाद क्या है? यह मासूम और सीधा प्रश्न अचानक आधुनिक मानव सभ्यता के निर्माण और बाद में उसके बुनियादी सिद्धांतों के टूटने के विषय को मुखर और तीखा रूप दे देता है।
सदियों से मानवता ने ऐसे समुदायों का निर्माण करने के प्रयास किये जो परस्पर सह-अस्तित्व की भावना के साथ रह सकें। छोटे समूह बड़े होते गए, कबीले गाँव बनते गए, जिनका विकास नगरों और शहरों में हुआ। इस संपूर्ण यात्रा के दौरान कानून व्यवस्था के एक तंत्र की परिकल्पना की गई ताकि मनुष्य अपने साथी मनुष्यों के साथ शांतिपूर्वक रह सके। इस व्यवस्था में नियमित रूप से होने वाले व्यवधानों के बावजूद आमतौर पर मानव समाज की आगे की यात्रा निर्बाध रूप से जारी रही।
इस यात्रा के दौरान अनेक धर्म उभरे, जो व्यापक रूप से दो प्रमुख समूहों में विभाजित थे - पूर्वी और पश्चिमी (अब्राहमी)। पूर्वी धर्मों में हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, कुन्फ़्यूशियसवाद, ताओवाद और शिन्तो मत शामिल थे, जबकि प्रमुख अब्राहमी धर्म यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और इस्लाम। इनके साथ ही कुछ अन्य धर्म भी हैं, और अब विश्व स्तर पर अनीश्वरवादी (Atheist) आन्दोलन बढ़ता जा रहा है जो किसी भी धर्म में विश्वास नहीं करता है।
उसके बाद देश-राज्य (nation-state) की संकल्पना आई। और अंत में आया उपनिवेशवाद और वैश्विक साम्राज्यवाद, जिसने स्थानीय संस्कृति और संसाधनों की कीमत पर अनेक विशाल साम्राज्यों का निर्माण किया और विजेता को प्रतीयमान अजेयता का चमकदार मुखौटा प्रदान किया।
अतः, मनुष्य की अब तक की यात्रा में हमने निम्न तत्वों को देखा है
प्राथमिक समूह कबीले गाँव कानून व्यवस्था धर्म शहर देश राज्य उपनिवेशवाद आधुनिक प्रौद्योगिकी परस्पर संयोजित ‘वैश्विक गाँव’
इस यात्रा के दौरान अनेक धर्म उभरे, जो व्यापक रूप से दो प्रमुख समूहों में विभाजित थे - पूर्वी और पश्चिमी (अब्राहमी)। पूर्वी धर्मों में हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, कुन्फ़्यूशियसवाद, ताओवाद और शिन्तो मत शामिल थे, जबकि प्रमुख अब्राहमी धर्म यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और इस्लाम। इनके साथ ही कुछ अन्य धर्म भी हैं, और अब विश्व स्तर पर अनीश्वरवादी (Atheist) आन्दोलन बढ़ता जा रहा है जो किसी भी धर्म में विश्वास नहीं करता है।
उसके बाद देश-राज्य (nation-state) की संकल्पना आई। और अंत में आया उपनिवेशवाद और वैश्विक साम्राज्यवाद, जिसने स्थानीय संस्कृति और संसाधनों की कीमत पर अनेक विशाल साम्राज्यों का निर्माण किया और विजेता को प्रतीयमान अजेयता का चमकदार मुखौटा प्रदान किया।
अतः, मनुष्य की अब तक की यात्रा में हमने निम्न तत्वों को देखा है
प्राथमिक समूह कबीले गाँव कानून व्यवस्था धर्म शहर देश राज्य उपनिवेशवाद आधुनिक प्रौद्योगिकी परस्पर संयोजित ‘वैश्विक गाँव’
आधुनिक मानव की इस संपूर्ण यात्रा के दौरान यह माना जाता रहा कि जो मुद्दे पूर्व में सुलझा लिए गए थे, वे हमेशा के लिए सुलझ गए थे। वर्तमान स्थिति, जिसमें ऐसा एक भी दिन नहीं जाता है जब विश्व के किसी न किसी स्थान पर हुए आतंकी हमले का विचलित करने वाला समाचार न मिलता हो, इस बात का एक भयंकर स्मरण-पत्र है कि इतिहास के कुछ मुद्दे वास्तव में अनसुलझे हैं, और नई सीमाएं बनाने के ताजा प्रयास किये जा रहे हैं।
आतंकवाद पाशविक बल के अनुप्रयोग से, न कि लोकतांत्रिक साधनों या समाज द्वारा निर्मित संस्थागत समाधानों के माध्यम से, अपनी बात मनवाने का एक हिंसक तरीका है। और अक्सर यह कहा जाता है कि किसी एक के लिए जो आतंकवादी है वह दूसरे के लिए स्वतंत्रता सेनानी है। यह स्थिति को और अधिक जटिल बना देता है।
दुर्भाग्यवश, आतंकवाद का विचार आमतौर पर इस्लाम से जोड़ा जाने लगा है। परंतु वास्तव में पहली बार जब आतंकवाद शब्द का प्रयोग किया गया तो वह इस्लाम के संदर्भ में कतई नहीं था। इसका उपयोग फ़्रांसिसी क्रांति (1789 से 1799) में तब किया गया था जब मेक्सिमिलियन रोबेस्पिए (जेकोबिंस में से एक) जैसे नेताओं द्वारा की गई खूंखार हिंसक घटनाओं का परिणाम विरोधी खेमे, और अन्य के सदस्यों के सामूहिक नरसंहार में हुआ था, जिनमें ईसाई पादरी इत्यादि भी शामिल थे। बाद में अमेरिका के भी अपने आतंकी गुट थे, जैसे कु -क्लक्स - क्लान (के.के.के.) जो गैर-श्वेतों और प्रवासियों को भयाक्रांत करते थे।
आज विश्व भर में विभिन्न "आतंकी गुट" सक्रिय हैं। बड़ी संख्या में इस्लामी आतंकी संगठन, जिनका नेतृत्व इस्लामिक स्टेट (आई.एस.आई.एस. / आई.एस.आई.एल. / दाएश) और अल-कायदा जैसे शक्तिशाली गुटों द्वारा किया जाता है, से लेकर तालिबान और बोको हरम शामिल हैं। अफगानिस्तान, पाकिस्तान और मध्य-पूर्वी क्षेत्र और उसके आसपास केंद्रित आतंकवादी गुटों की संपूर्ण सूची काफी लंबी है। इसमें न केवल हिजबुल्ला, लश्कर-ए-तय्यबा (LeT), तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे क्षेत्रीय संगठन शामिल हैं, बल्कि अपेक्षाकृत कम ज्ञात कोलंबिया का क्रांतिकारी सशस्त्र बल (FARC), और अफ्रीका की लॉर्ड रेसिस्टेंस सेना (LRA) भी शामिल हैं। यह मानना गलत होगा कि आतंकी गुट केवल इस्लामी उत्पत्ति के हैं क्योंकि विश्व भर में ऐसे गुटों की भारी संख्या बिखरी हुई है जो विविध धर्मों से संलग्न हैं।
आतंकवाद से धर्म का जुडाव अक्सर बहस का विषय होता है। पाकिस्तान के तारिक फ़तेह जैसे उदारवादी, सऊदी अरब शासन पर एक विशिष्ट प्रकार की इस्लामी विचारधारा (सलफी इस्लाम) का प्रायोजन करने का आरोप लगाते हैं, जो सहिष्णु विचारधाराओं के बजाय चरम विचारधाराओं का निर्माण करती है।
अमेरिका ने खुले तौर पर विश्व के कुछ देशों को आतंकवाद के प्रायोजक और प्रजनन केंद्र होने के लिए फटकार लगाई है। भारत लंबे समय से सीमापार से होने वाले आतंकवाद का शिकार रहा है, और इस बुराई का मुकाबला करने की विश्व समुदाय को उसके द्वारा दी गई दलीलें केवल 9/11 की भयावह आतंकी घटना के बाद ही फलीभूत हुईं, जिसमें न्यू यॉर्क के ट्विन टावर ध्वस्त हुए थे। अमेरिका ने आतंकी गुटों का खुलकर सामना किया और सीधे सैन्य हमलों के माध्यम से दक्षिण एशियाई क्षेत्र के आतंकी संजालों को तबाह किया।
1993 में मुंबई में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट भी 9/11 की ट्विन टावर त्रासदी से कहीं कम अपराध नहीं थे। भारतीय संसद पर हुए हमले ने ऐसे तत्वों को कुचलने के भारत के संकल्प को और सुदृढ़ किया। परंतु मुंबई में हुए श्रृंखलाबद्ध ट्रेन विस्फोटों और अंत में 26/11 को मुंबई में हुई अविश्वसनीय भयंकर घटना के बाद ही भारत सरकार ने अपने तंत्र को नए समय की आतंकवादी चुनौती से निपटने के लिए पुनर्गठित किया। वैश्विक आतंक के विरुद्ध चल रही इस लंबी और घुमावदार लड़ाई में, अनेक व्यक्तियों का योगदान अमर हो गया है जैसे कि अफ़ग़ानिस्तान के शेर अहमद शाह मसूद।
पेशावर आतंकी हमला (दिसंबर 2014), पेरिस आतंकी हमला (नवंबर 2015) और ढाका आतंकी हमला (जुलाई 2016) इस बात का स्मरण कराते हैं कि सभ्य समाज को इस लड़ाई को देर तक लड़ना होगा। कोई भी देश इस दानवी शक्ति के पंजों से बचा हुआ नहीं है।
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- हार्ट ऑफ़ एशिया (इस्तांबुल प्रक्रिया) छठी मंत्री-स्तरीय वार्ता, अमृतसर, भारत
- हार्ट ऑफ़ एशिया - इस्तांबुल प्रक्रिया का गठन २ नवम्बर २०११ को इस्तांबुल तुर्की में किया गया था। ये अफ़ग़ानिस्तान पर केंद्रित एक परिणाम-लक्षित क्षेत्रीय-सहयोग प्रयास है, चूंकि एक सुरक्षित और स्थिर अफ़ग़ानिस्तान इस संपूर्ण क्षेत्र हेतु आवश्यक है। इसके १४ सदस्य देश और १७ सहयोगी देश हैं जो साथ मिलकर आतंकवाद और नशीले पदार्थों के व्यापार से लड़ने की रणनीतियां बनाते हैं, ताकि शांति और समृद्धि बने। दिसंबर २०१६ की वार्ता अमृतसर घोषणा से संपन्न हुई जिसमें आतंकवाद और उसके प्रायोजकों से लड़ने का संकल्प लिया गया।
अरब क्रांति, और सीरिया उलझन
दिसंबर २०१० में शुरू हुई अरब क्रांति एक विद्रोहों की श्रृंखला थी, जिसने पूरे अरब विश्व को अपनी चपेट में ले लिया और एक-एक कर सभी शासक गिरने लगे, एवं महाशक्तियों की आपसी प्रतिद्वंदिता सामने आने लगी। सीरिया इनमें से सबसे जटिल चिंगारी रही है जहाँ लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय खिलाडी जिनका थोड़ा बहुत भी दांव पर लगा हो, सामने खड़े हैं। रूस सीरिया की असद सरकार को समर्थन दे रहा है, तुर्की धीरे-धीरे रूस के करीब जा रहा है, ईरान असद सरकार को सहयोग दे रहा है, अमेरिका विद्रोही गुटों की सहायता कर रहा है (असद-विरोधी), ईरान सऊदी-विरोधी है, एवं अन्य। एक बेहद जटिल खिचड़ी। तुर्की में रूस के राजदूत की निर्मम हत्या (१९-१२-२०१६) ऐसी चिंगारी थी जिसका आशय शायद था पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लेना, किन्तु रूस ने इसे परिपक्व तरीके से संभाला। उस लोमहर्षक घटना का एक विडियो ये रहा (सौजन्य से न्यू यॉर्क टाइम्स) जो दिखाता है कि कैसे क्रिया-प्रतिक्रिया एक अंतहीन जंजीर बन जाती है।
मार्च २०१७ के प्रारम्भ में, समाचार आने लगे कि एक इस्लामिक राज्य का विडियो जिसमें चीनी वीघर (Uighur) लड़ाके दिख रहे हैं, उसमें चीन पर जिहादियों के हमलों की धमकी आई है, और ये तब जब चीनी साम्यवादी सरकार बड़ी सैनिक कार्यवाही से शिनजियांग (Xinjiang) प्रांत की पृथकतावादी ताकतों को कुचलने की तैयारी में है। विडियो में "शैतानी चीनी साम्यवादी अविश्वासी लोगों" की बात की गयी है, और ये इस्लामिक राज्य की इराकी शाखा से आया है। "अल्लाह की मर्ज़ी से, उन आसुओं के बदले जो शोषित लोगों की आँखों से बहते हैं, हम तुम्हारा खून नदियों में बहाएंगे", वीघर भाषा में एक लड़ाका बोलते देखा गया।
यहाँ एक विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत है जो आतंकवाद के विभिन्न पहलुओं पर है। यह द्वि-भाषी है - सीखें और बढ़ें ! विस्तृत सामग्री समाधान के लिए बोधि बूस्टर प्रीमियम में नामांकन करें।
हम आने वाली बोधियों में नवीनतम घटनाओं पर आपको अद्यतन जानकारी प्रदान करते रहेंगे। पढ़ते रहिये! और हाँ, नीचे दी गई कमैंट्स थ्रेड में अपने विचार ज़रूर लिखियेगा (आप आसानी से हिंदी में भी लिख सकते हैं)। इससे हमें ये प्रोत्साहन मिलता है कि हमारी मेहनत आपके काम आ रही है, और इस बोधि में मूल्य संवर्धन भी होता रहता है।
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